प्रारंभिक परीक्षा के लिए केवल 30 दिन शेष हैं और इस समय यूपीएससी सिविल सेवा के उम्मीदवार काफी व्याकुल होंगे। क्या पढ़ना है, किसका पुनाराभ्यास करना है और शेष समय का उपयोग करते हुए कैसे अधिकतम अंक प्राप्त किये जाए, ये प्रश्न नियमित रूप से अभियार्थियों के दिमाग में आते हैं। जैसा कि परीक्षा का समय निकट है, अभियार्थियों को परीक्षा और मौसम दोनों की गर्मी महसूस हो रही होगी।
इसलिए, चाहे आप पहली बार परीक्षा देने जा रहे हों या एक अनुभवी उम्मीदवार हैं जिन्होंने पहले कई बार प्रारंभिक परीक्षा में सफलता प्राप्त की हो, आइये यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2017 में इन अंतिम 30 दिनों की महत्ता के बारे में चर्चा करते हैं
अगले 30 दिनों के लिए "सरल, सुव्यवस्थित, सफल" के मंत्र पर ध्यान केंद्रित करें
अपनी तैयारी को सरल कैसे करें?
मुख्य विषयों फोकस रखें
सबसे पहले, इन पलों में हड़बड़ी न दिखाए और अपने अध्ययन क्षेत्र को और न बढ़ाये। इसके बजाय पाठ्यक्रम के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें। वर्तमान मामलें (सीए), पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय, भूगोल, आधुनिक इतिहास, कला और संस्कृति, राजनीति और अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में, पहले अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर अधिक ध्यान दें, उदाहरण के लिए, पर्यावरण क्षेत्र में पारिस्थितिकी तंत्र, पर्यावरण अवधारणाओं और पर्यावरण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें; भूगोल विषय में भोतिक भूगोल और जलवायु विज्ञान के साथ-साथ भारतीय भोगोलिकता पर भी ध्यान दें; आधुनिक इतिहास में स्वतंत्रता संग्राम पर ध्यान केंद्रित करें; कला और संस्कृति में धार्मिक आंदोलनों, चित्रकला और वास्तुकला पर ध्यान केंद्रित करें; राजनीती में मुख्य रूप से संवैधानिक संरचना, संघ और योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करें और अर्थव्यवस्था में अर्थशास्त्र की मूल बातों के साथ-साथ चर्चित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें। एक बार जब आपको इन विषयों पर आत्मविश्वास हो जाए, तो एक-एक करके दुसरे विषयों पर आगे बढ़ें।
संदर्भ के नए स्रोत न जोड़ें
अनावश्यक बिन्दुओं को छोड़ते हुए उन बिन्दुओं पर अधिक ध्यान दे जिन्हें आपने पहले से पढ़ा हुआ है। एनसीईआरटी की पुस्तके आपको अच्छी तरह से तैयार होनी चाहिए और सन्दर्भ के लिए अच्छे प्रकाशन की पुस्तकें ही पढ़ें।
एनसीईआरटी की पुस्तकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि वे आधारभूत अवधारणाओं को समझने में सहायता करती हैं, साथ ही यूपीएससी इनमे से सीधे सवाल पूछती है। नए स्रोतों से पढ़ने का प्रयास न करें क्योंकि इससे आपके मन में भ्रम की स्तिथि पैदा हो सकती है।
समाचार पत्र पढनाना भूलें
स्थैतिक भाग की तैयारी करते समय समाचार पत्र ना पढने की गलती नहीं करनी चाहिए। वैसे तो अभियर्थी वर्तमान मामलों के लिए किसी अच्छी पुस्तक या पत्रिका भी पढ़ सकते है लेकिन, इसके लिए उन्हें समाचार पत्र पढना नहीं छोड़ना चाहिए। समाचार पत्र के माध्यम से आप किसी विवरण के बारे में सम्पूर्ण जानकारी पढ़ सकते है नाकि संक्षिप्त रूप में। इस तरह से आप किसी जानकारी को किसी और सन्दर्भ में पढने पर भी समझ जाएँगे।
अपनी तैयारी को कैसे सुव्य्वस्तिथ बनाएं?
अनुशासित रहें
यह बात महत्वपूर्ण है की आप एक समय सारणी और उसके अनुरूप खुद को ढाले। रोज रोज इसे बदलते नहीं रहें। 60:40 की रणनीति का पालन करें और इसी के अनुसार अपने समय को विभाजित करें। आपने जो पढ़ा है उसका पुन: अभ्यास करने के लिए अपने समय का 60% प्रयोग करें और बाकि बचे 40% समय का उपयोग एक एक करके विषयों को संतुलित करने में करें। धीरे-धीरे जैसे परीक्षा का समय नजदीक आये, इस प्रतिशत को कम करते रहें ताकि अंतिम कुछ हफ्तों में आप कुछ नया नहीं पढ़ें। वास्तविक परीक्षा में, प्रश्नों की प्रकृति ऐसी होती है कि आप केवल तभी प्रश्नों का उत्तर दे सकते हैं जब आप उस विषय को अच्छी तरह से जानते हैं। यदि आपके पास आधा-अधूरा ज्ञान है, तो आप कई गलतियां करेंगे जिससे आपके परिणाम पर नकारात्मक प्रभाव होगा।
अभ्यास की निरंतरता
यह बहुत अभ्यास करने का समय है। अपने मजबूत पक्ष और कमजोरियों को जानने के लिए आपको इस समय में जितना संभव हो सकते उतने मौक टेस्ट हल करने का प्रयास करना चाहिए। अपने मजबूत पक्ष को और मजबूत करे और अपनी कमजोरियों को और कम करें। एक बार मौक टेस्ट देने के बाद उसका विश्लेषण अवश्य करें ताकि आपको उन बिन्दुओं के बारे में ज्ञान हो सके जिन पर आपको और महनत करने की जरुरत है। आवश्यकतानुसार आवश्यक सुधार करें।
अपने ऊपर तनाव को हावी न होने दें
चूंकि सीमित समय बचा है और पढ़ने और अभ्यास करने के लिए बहुत कुछ है, इसलिए तनाव में आना स्वाभाविक है। इस दबाव से निपटने के लिए, लगातार ब्रेक लेते रहें। यह एक आम बात है की कई बार आपका और अधिक पढने का मन नहीं करेगा। ऐसे में आधे दिन का अवकाश लें। फिल्मे देखे या अपनी अध्ययन सामग्री से अलग कुछ और पढ़ें। विडियो देखें लेकिन जितना जल्दी हो सके आप फिर से पढाई शुरू कर दें। अपना फोकस बनाये रखें और नकारात्मकता को दूर रखें। यह बात ध्यान रखे कि आपने पहले से बहुत कड़ी मेहनत की है और बहुत कुछ याद कर लिया है।
अंतिम शब्द: मुख्य परीक्षा एक “रिकॉल और रेप्रोडूस” टेस्ट है जबकि प्रारंभिक परीक्षा “रिकॉल और रेकोगनिस” टेस्ट है। अत: आपका मुख्य केंद्र महत्वपूर्ण बिन्दुओ से अवगत रहना और तथ्यों को समझना है नाकि तथ्यों को याद करना। क्योंकि यूपीएससी तथ्यात्मक प्रश्नों के अलावा कई वैचारिक प्रश्न भी पूछती है जो उसने हाल ही में पूछने शुरू किए हैं। इसके अलावा अभ्यास करने और मौक टेस्ट हल करने का भी बहुत महत्त्व है क्योंकि इससे आपको याद करने में आसानी होती है।
हालांकि पेपर -2(सीएसएटी) में केवल उत्तीर्ण होना अनिवार्य है लेकिन इसे हल्के में लेने की गलती नहीं करें। हर वर्ष कई उम्मीदवार इस परीक्षा में असफल हो जाते हैं, भले ही उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में बहुत अच्छा स्कोर किया हो। इसके अलावा, यूपीएससी ने सीएसएटी पेपर में मुश्किल प्रश्न पूछने शुरू कर दिए हैं जिसके कारण इसमें उत्तीर्ण होना भी अपेक्षाकृत मुश्किल होता है। इसलिए पर्याप्त अभ्यास करने के लिए अभियर्थी को पिछले वर्ष के सीएसएटी पेपर को हल करना चाहिए। यदि आप पर्याप्त अभ्यास नहीं करेंगे तो परीक्षा के समय आपको परेशानी होगी और आप "मूर्खतापूर्ण गलतियाँ" करेंगे जो आपके स्कोर को नीचे लाएगा।
साथ ही परीक्षा के समय, जल्दबजी के लिए शोर्ट ट्रिक्स का प्रयोग करने से बचें और साथ ही दिमाग में कट ऑफ़ के लिए को पूर्वकल्पित धारणा न बनायें। क्योंकि इससे आप ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करने का दबाव महसूस करते हैं और ऐसे में गलतियाँ कर बैठते हैं। सबसे पहले ऐसे प्रश्नों को हल करें जिन के बारे में आप निश्चित हैं। उसके बाद ऐसे प्रश्न करे जिनके बारे में आप 50% निश्चित हैं। किसी भी स्तिथि में आँखे मूंदकर केवल अनुमान लगाने पर भरोसा न करें।
खुद पर भरोसा रखें और मौक टेस्ट में अधिकतम अंक प्राप्त करने का प्रयास करें, आप निश्चित रूप से परीक्षा में सफलता प्राप्त करेंगे।
Comments
Post a Comment