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विज्ञान और तकनीक के लिये क्‍या पढ़े

हाल ही के समय में विज्ञान और तकनीक के साथ- साथ वातावरण और पारिस्थिकी वह क्षेत्र बन गया है जो यूपीएससी की आईएएस प्रारंभिक परीक्षा में सफलता और असफलता को तय करता है। यदि कोई छात्र विज्ञान और तकनीक के प्रश्‍नो को हल करने में सक्षम है तो वह अन्‍य छात्रो की अपेक्षा इसका अधिक लाभ उठायेगा।


 


विज्ञान और तकनीक के लिये क्‍या पढ़े?


जैसे कि संविधान, इतिहास और भूगोल से भिन्‍न,विज्ञान और तकनीक भाग के लिये कोई निश्चित पाठ्यक्रम और स्रोत निर्धारित नहीं है। इसलिये इस प्रकार का काई मानक नहीं है जिससे यह निर्धारित किया जा सके कि क्‍या पढ़ना है और क्‍या नहीं पढ़ना है?लेकिन फिर भी हम पिछले वर्षो के पेपरो के विश्र्लेषण के द्वारा बड़े पैमाने पर पाठ्यक्रम को पढ़ने की रूपरेखा बताने जा रहे है।


प्रतियोगियो को प्रतिदिन समाचार पत्र को नियमित रूप से पढ़ना चाहिये और विज्ञान और तकनीक से संबंधित खबरों का चुनाव करना चाहिये और ऐसे विषयो के नोट्स बनाने चाहिये।


प्रतियोगियो को कक्षा 6 से कक्षा 10 तक की विज्ञान की किताबे भी पढ़नी चाहिये। इन सभी किताबो को पढ़ने के बाद प्रतियोगी को विज्ञान और तकनीक की पत्रिकायें पढ़नी चाहिये, लेकिन इसके प्रत्‍येक पेज को नहीं पढ़ना चाहिये क्‍योकि यह अधिक समय खर्च कराने वाला और परीक्षा से कम संबंधित होता है।अत: आपको बहुत चुनावपूर्ण तरीके से पत्रिकाये पढ़नी चाहिये।


 


कैसे पढ़ना है?


एक मुख्‍य चीज कि विज्ञान और तकनीक से संबंधित खबरे समाचार पत्र के पन्‍ने के कोने पर अथवा उन पन्‍नो पर होती है जिन्‍हे हम समाचार पत्र पढ़ते समय नजरंदाज कर देते है।इसलिये प्रतियोगी छात्र समाचार पत्र पढ़ते समय इस बात का खास ध्‍यान रखे वे इस प्रकार के विषयों अवश्‍य पढ़े। द हिंदू समाचार पत्र में विज्ञान और तकनीक संबंधित खबरो का पेज प्रत्‍येक रविवार को आता है, छात्र इस बात का ध्‍यान रखे।


विज्ञान और तकनीक का भाग पढ़ते समय छात्रो को पाठ्यक्रम सामग्री के नोट्स बना लेने चाहिये।इससे आपको यूपीएससी आइएएस की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिलेंगी।


 


विज्ञान और तकनीक की तैयारी में इंटरनेट की भूमिका:-


 जैसे कि यह भाग समाचार पत्र में सभी जटिल खबरे नहीं दी जाती है, इसलिये समाचार पत्र की जानकारी को बढ़ाने के लिये हमे इंटरनेट का प्रयोग करना चाहिये।


उदाहरणस्‍वरूप:- माना कि आनुवांशिक रूप से विकसित फसल के प्रयोग के विरूद्ध आंदोलन चल रहा है, अत: समाचार पत्र इस प्रकार के आंदोलनो और उनके पीछे के कारणो को बतायेगें। लेकिन विषय को पूर्ण रूप से पढ़ने के लिये हमे यह जानने की आवश्‍यक्‍ता है कि वास्‍तविकता में आनुवांशिक रूप से विकसित फसल क्‍या होती है?ये कैसे बनायी जाती है?कौन सी तकनीक का प्रयोग किया जाता है?


कभी-कभी इस प्रकार की जानकारियॉ समाचार पत्र में दी जाती है, लेकिन कभी नहीं भी दी जाती है। यदि जानकारी उपलब्‍ध नहीं है तो हमें इंटरनेट की सहायता लेनी चाहिये जिसमें अतिरिक्‍त जानकारी दी जाती है।


 


क्‍या गैर-विज्ञान छात्रो के लिये विज्ञान और तकनीक कठिन है?


 नहीं, यह एक भ्रम है कि गैर-विज्ञान छात्रो के लिये विज्ञान और तकनीक की तैयारी करना कठिन है। यह इसलिये है क्‍योकि यूपीएससी आइएएस की प्रारंभिक परीक्षा में पूंछे जाने वाले प्रश्‍न तकनीक पर आधारित नहीं बल्कि अधिकतर समसामयिक आधारित लेकिन विज्ञान और तकनीक से संबंधित प्रश्‍न पूंछे जाते है।


उदाहरण:- इसरो से संबंधित प्रश्‍न एक तकनीक संबंधित प्रश्‍न नहीं है बल्कि इसरो से संबंधित समसामयिक जानकारी है, जैसे कि कोई मिशन लांच किया गया तो उसमें क्‍या तकनीक प्रयोग की गई, इसका क्‍या उद्देश्‍य है?


हां, कुछ विषयों में तकनीक संबंधी जानकारी की आवश्‍यक्‍ता होती है लेकिन वह विषय बहुत कम होते है। छात्र इन्‍हे थोड़ा और समय देकर तैयार कर सकते है।


अत: विज्ञान और तकनीक के भाग में पूंछे जाने वाले प्रश्‍नो को हल करने के लिये तकनीकी ज्ञान की आवश्‍यक्‍ता नहीं होती है लेकिन विज्ञान और तकनीक से संबंधित समसामयिक प्रश्‍न पूंछे जाते है।


 


 महत्‍वपूर्ण विषय:-


जैव तकनीक-


जैव तकनीक क्‍या होती है?


आनुवांशिक रूप से विकसित जीव(जीएओ)


बीटी-कॉटन


बीटी-ब्रिंजाल


माइक्रोबियल पूर्वेक्षण


सफेद जैव तकनीक और उसके उदाहरण


लाल जैव-तकनीक


डीएनए प्रोफाइलिंग और उसके अनुप्रयोग


जीनोम अनुक्रमण


मानव जीनोम प्रोजेक्‍ट


इनकोड


पुन: संयोजन डीएनए प्रौद्योगिकी


रोग प्रतिरोधक क्षमता


जन्‍मजात अथवा पैदाइशी


अनुकूलन


टीकाकरण


टीकाकरण का सिद्धांत


पोलियो/बीसीजी टीका


पुन: संयोजन टीकाकरण


जीन थेरेपी


क्‍लोनिंग


जानवर


मनुष्‍य


आइवीएफ-3 पैरेंट बेबी


स्‍टेम कोशिका


एंटी माइक्रोबियल विरोध


विटामिन की कमी से होने वाले रोग


रोबोटिक्‍स


रोबोटिक्‍स सेंसर


रोबोटिक्‍स के अनुप्रयोग


भारत में रोबोटिक्‍स


किरोबो


नैनो तकनीक


दृष्टिकोण


ग्रैफीन


अनुप्रयोग


कार्बन नैनो ट्यूब्‍स


धुंध(स्‍मॉग)


प्रकाश संश्‍लेषित धुंध


 


जैव उर्वरक


शेल गैस


अंतरिक्ष


बिंग बैंग सिद्धांत


भौतिकी का मानक मॉडल


ब्रह्मांड विस्‍तार


 


जैव समतुल्‍य औषधियॉ


 इसरो


प्रक्षेपण वाहन-पीएसएलवी/जीएसएलवी


चंद्रयान


मंगल ग्रह मिशन


 सूचना प्रौद्योगिकी


  परिभाषा

सूचना प्रौद्योगिकी


सर्वर/नोड/नेटवर्क/इंटरनेट/इंटरनेट प्रोटोकॉल


ब्राडबैंड/बैंड की चौड़ाई/ स्‍पेक्‍ट्रम


ब्‍लूटुथ/वाई-फाई/वाई-मैक्‍स


ब्राडबैंड


सुपर कंप्‍यूटर


क्‍लाउड कंप्‍यूटिंग


विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की तैयारी में ग्रेडअप कैसे उपयोगी हो सकता है :


हम ग्रेडअप पर विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के कुछ महत्‍वपूर्ण विषयों को कवर करने जा रहे हैं। इसलिए, छात्र ग्रेडअप से महत्‍वपूर्ण विषयों पर सामग्री को सीधे प्राप्‍त कर सकते हैं।


एक सप्‍ताह में एक विशेष दिन पर दैनिक विषयवार प्रश्‍नोत्‍तरी पोस्‍ट के अंतर्गत हम विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी पर प्रश्‍नोत्‍तरी पोस्‍ट करते हैं। छात्र इसे हल करके मॉक परीक्षा को हल करने का अभ्‍यास कर सकते हैं।


साप्‍ताहिक समाचार पल्‍स में, हम सामयिकी के साथ विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित कुछ महत्‍वपूर्ण समाचारों को भी कवर करने का प्रयास करते हैं।


अंतिम सलाह:-


यूपीएससी आइएएस की प्रारंभिक परीक्षा में कहॉ से और किस प्रकार के प्रश्‍न पूंछे जायेगें यह निश्चित नहीं है। इसलिये सभी को इस भाग के लिये पर्याप्‍त समय देना चाहिये, इसके लिये आप अन्‍य विषयो के साथ भी समझौता मत करे। हमारी सलाह है कि किसी एक विषय में बहुत गहराई तक ना जायें, इसके बजाय सभी महत्‍वपूर्ण विषयों(ऊपर बताये गये) को पढ़ने पर ध्‍यान दे। अत: परीक्षा में आसान प्रश्‍नो के उत्‍तर दे। यदि आपके पास समय है तो आप गहन अध्‍यन का सकते है।


 


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